धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग पर अड़ी भाजपा

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी बन चुकी है। विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों के बीच ध्वनी प्रदूषण भी एक प्रमुख कारण है, जो आज चरम पर है। ध्वनि प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के कारण आज यह चर्चा का विषय है।

कई राज्यों ने तो धार्मिक स्थलों पर रोक भी लगाई है, जिसका जनता ने स्वागत किया है। इसलिए केजरीवाल सरकार से हमारी मांग है कि अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए सभी क्षेत्रों से लाउडस्पीकर तुरंत हटवाये जायें।

आज प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए  आदेश गुप्ता ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण के कारण कई लोग हृदय रोग, अवसाद, हाई ब्लड प्रेसर, चिड़चिड़ापन, सुनने की शक्ति का झीण होना, अनिद्रा इत्यादी जैसी तमाम बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि तेज ध्वनि के कारण पढ़ने वाले बच्चों, ऑफिसों में कार्य कर रहे लोग, स्कॉलर्स इत्यादी की शांति भंग होती है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज लाउडस्पीकर सभी धार्मिक स्थलों से हटाए जाने की मांग को बहुसंख्यक समाज बहुत गंभीरता से ले रहा है।

कई मंदिरों और गुरुद्वारों से वहां के प्रबंधन ने स्वयं लाउडस्पीकर हटा लिये हैं तो मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाने में क्या समस्या है। ईश्वर की आराधना करने के लिए लाउडस्पीकर की कोई आवश्यकता नहीं है, वह हृदय से होती है।

 आदेश गुप्ता ने कहा कि मैंने पत्र लिखकर केजरीवाल सरकार से मांग की है कि सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाये जाए क्योंकि यह समाज की मांग है।

जबकि इसके लिए सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि मुस्लिम देशों में भी सख्त नियम बनाए गए हैं। मई 2021 में सउदी अरब में एक कानून आया था। इसमें मस्जिदों में लाउडस्पीकरों पर बैन लगाया गया था। कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के भी आदेश दिए गए थे।

उन्होंने कहा कि फरवरी 2022 में इंडोनेशिया में सर्कुलर जारी हुआ था, इसमें भी लाउडस्पीकर की लिमिट को 100 डेसिबल तय की गई थी। माननीय उच्चत्तम न्यायालय ने भी रात में 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने पर रोक लगाई है।

बंद स्थानों में इसे बजाया जा सकता है। इनमें ऑडिटोरियम, कम्यूनिटी हॉल, कॉन्फ्रेंस हॉल और बैंकवेट हॉल शामिल है, लेकिन इसमें मस्जिदों का कोई जिक्र नहीं है।

 आदेश गुप्ता ने कहा कि अगस्त 2016 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में साफ कहा था कि लाउडस्पीकर बजाना किसी भी धर्म का जरूरी हिस्सा नहीं है। साल 2018 में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के बाद रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया।

जुलाई 2019 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पब्लिक प्लेसस और धार्मिक जगहों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी। आज की प्रेसवार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष  राजन तिवारी, प्रदेश भाजपा रिलेशन विभाग के प्रभारी  हरीश खुराना एवं प्रदेश मीडिया सह-प्रमुख  हरिहर रघुवंशी उपस्थित थे।

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