दिल्ली में जल संकट ,खरीदकर पानी पीने को मजबूर जनता

मुफ्त का पानी पड़ रहा जनता को महँगा

दिल्ली की केजरीवाल सरकार पानी को लेकर भले ही तमाम दावे कर रही हो लेकिन सच्चाई तो ये है कि एक अंतरर्राष्ट्रीय संगठन द्वारा विश्व में पेयजल संकट को लेकर कराये गये सर्वे के मुताबिक भारत की राजधानी दिल्ली विश्व का ऐसा दूसरा बड़ा शहर है जहां पेयजल की समस्या सबसे ज्यादा है। किfffhttp://https://www.youtube.com/watch?v=jjj2T1fg_0U

खुद दिल्ली सरकार के आंकड़े यह भी बताते हैं कि ज्यादातर अनधिकृत कालोनियों में दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। खास तौर पर इस मामले में उन आठ विधानसभा क्षेत्रों की हालत तो और भी जहां से भारतीय जनता पार्टी के विधायक चुनकर आये हैं। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो इस समय दिल्ली में प्रतिदिन करीब 1,140 एमजीडी पानी की जरूरत होती है, जबकि दिल्ली जल बोर्ड 935 एमजीडी पानी का ही उत्पादन करता है। बीते करीब दो वर्षों से यही स्थिति बनी हुई है। इसकी वजह से दिल्ली में करीब रोजाना के लिहाज से 205 एमजीडी पानी की कमी बनी हुई है। पेयजल की सबसे ज्यादा परेशानी 1799 अनधिकृत कॉलोनियों में ही है।

केजरीवाल सरकार के आंकड़ों पर एक नजर डालें तो दिल्ली जल बोर्ड ने 1,631 कॉलोनियों में पानी की पाइपलाइन डाल दी है। लेकिन पानी की कमी के कारण अभी 1,573 कॉलोनियों में ही पाइपलाइन से पेयजल की आपूर्ति हो पा रही है। इनमें से भी कई कॉलोनियों में एक दिन छोड़कर पानी की आपूर्ति होती है। दिल्ली जल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 115 कॉलोनियां वन विभाग व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की जमीन पर बसी हुई हैं। इन कालोनियों को छोड़कर बाकी अन्य कॉलोनियों में अगले दो साल में पाइपलाइन से हर घर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी।

सरकार पीने के पानी की आपूर्ति टैंकरों के जरिये भी नहीं कर पा रही है। वर्ष 2019 में दिल्ली जल बोर्ड के पास पेयजल आपूर्ति के लिए 1,034 टैंकर थे। अब यह संख्या बढ़कर 1,095 हो गई है, जिसमें से 248 टैंकर विभाग के हैं। बाकी 847 टैंकर अनुबंध व किराये पर हैं। टैंकर से पानी की आपूर्ति के लिए दिल्ली में 8,571 प्वाइंट बनाए गये हैं। वर्ष 2019 में ऐसे 10,865 प्वाइंट थे। यानी कि पानी की आपूर्ति के लिए टैंकरों की संख्या बढ़ाये जाने के बाजवूद पानी की सप्लाई के प्वाइंट्स में 2308 की कमी आई है। सीधे तौर पर कहा जा सकता है कि जल बोर्ड के द्वारा मांग के अनुसार पीने के पानी का उत्पादन नहीं किये जाने की वजह से लोगों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

दिल्ली में करीब 1800 अनियमित कालोनियां हैं। वास्तविकता में दिल्ली जल बोर्ड इनमें से आधी कालोनियों में ही पीने का पानी पहुंचा पाया है। सरकारी आंकड़े कुछ भी कहें लेकिन, ज्यादातर अनियमित कालोनियों के लोग खरीदकर पानी पीने के लिए मजबूर हैं। इनमें से बहुत सकी कालोनियों में कई साल पहले पानी की पाइप लाइनें तो डाल दी गईं लेकिन वर्तमान में यह पाइप लाइनें जाम पड़ी हुई हैं। इसके चलते लोगों के घर तक पानी पहुंच ही नहीं पा रहा है। लेकिन सरकारी आंकड़ों में इन कालोनियों में पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है।

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