कैंडल मार्च और प्रदर्शन के ज़रिए निगमकर्मी अपनी बदहाल स्तिथि बताने उतरे सड़कों पर कहा अब तो सुसाइड की नौबत आ चुकी है …

जहां एक और दिल्ली नगर निगम का कर्मचारी बिना सैलरी पेंशन के किसी तरह से अपना जीवन काटने को मजबूर हो गया है। धरना प्रदर्शन व कैंडल मार्च के जरिए उन्हें सैलरी व पेंशन मांगना पड़ रहा है । निगम स्टाफ की मानें तो पिछले साढे 5 महीने से उन्होंने सैलरी का मुंह नहीं देखा तो वही पेंशनधारियों की स्थिति तो इससे भी ज्यादा खराब है क्योंकि उन्हें पेंशन मिले 7 महीने से भी ऊपर हो चुका है। 

बजाते रहो न्यूज़ से अपनी व्यथा साझा करते हुए  निगम की एक शिक्षिका ने बताया कि पिछले 5 महीने से तनख्वाह नहीं मिली है। ऊपर से सिर पर जिम्मेदारियों के बोझ बढ़ता जा रहा हैं। आखिर बिना सैलरी के उन जिम्मेदारियों का निर्वाहन कैसे हो ? ये सोच सोचकर टेंशन का माहौल बना हुआ है।

तो वही दूसरे शिक्षक ने बताया कि स्थिति इतनी ज्यादा बिगड़ चुकी है कि कूलर खरीदने तक के पैसे नहीं हैं। यही कारण है कि  इतनी गर्मी में पसीने के साथ जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि कहने को तो हम सरकारी कर्मचारी हैं लेकिन हमारी हालत बद से बदतर है।

   

निगम के स्टाफ ने बजाते रहो न्यूज़ से अपील करते हुए कहा कि निगम कर्मचारियों से इस बिगड़ती हालत को न्यूज़ के जरिए सार्वजनिक किया जाए। ऐसा करने से शायद निगम शासन व प्रशासन की नींद खुले और वह कुछ निगम स्टाफ के बारे में भी सोचे। उन्होंने बताया कि स्थिति इतनी खराब हो चुकी है की कहीं आत्महत्या करने की नौबत ना आ जाए।

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