निगमकर्मियों की मांग होती नहीं पूरी लेकिन करोडों के खर्चे के लिए निगम तैयार

दिल्ली सरकार करवाएगी एमसीडी की स्पेशल ऑडिट फिर होगा दूध का दूध और पानी का पानी

 मात्र 17.70 लाख रुपए कीमत की ट्रामल मशीन का सालाना किराया 2.20 करोड़ रुपए कैसे हो सकता है?- सौरभ भारद्वाज*

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी की दिल्ली सरकार से स्पेशल ऑडिट करवाएंगे, ताकि हो रहा भ्रष्टाचार उजागर हो सके। उन्होंने कहा कि नए कॉन्ट्रैक्ट के तहत ली जा रहीं एक मशीन का किराया 6.30 रुपए लाख से बढ़ाकर 18.36 लाख रुपए किया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि मात्र 17.70 लाख रुपए कीमत की मशीन का सालाना किराया 2.20 करोड़ रुपए कैसे हो सकता है?

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने आज पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दो दिन पहले हमने उत्तरी दिल्ली नगर निगम (नार्थ एमसीडी) के विषय में एक प्रेस वार्ता की थी कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम कुछ ट्रामल मशीनें किराए पर ले रहा है। नार्थ एमसीडी द्वारा जिस रेट पर ट्रामल मशीनों को किराए पर लिया जा रहा है, उसके संदर्भ में एमसीडी की ही ऑडिट रिपोर्ट में सवाल उठाए गए थे। जब एक ट्रामल मशीन का महीने का किराया 6.30 लाख रुपए था, तब भी उस पर उन्हीं के ऑडिट द्वारा सवाल उठाए जा रहे थे कि यह पैसा ज्यादा है। हमने एक प्रेस वार्ता की थी कि अब जो नए कॉन्ट्रैक्ट के तहत ये ट्रामल मशीनों को किराए पर लेने जा रहे हैं, उसमें यह किराया 6.30 लाख रुपए से बढ़ाकर 18.36 लाख रुपए किया जा रहा है। यानि कि ट्रामल मशीनों का किराया तीन गुना बढ़ाया जा रहा है।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस पर कल कुछ अखबारों में भाजपा शासित उत्तरी नगर निगम के स्थाई समिति के अध्यक्ष जोगीराम जैन के कुछ बयान छपे हैं। उनके बयान हैं, ‘‘ट्रामल मशीनों का कोई किराया नहीं दिया जा रहा है। निस्तारित किए गए कूड़े के 306 रुपए प्रति टन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। 79 मशीनें यहां लगाने की योजना है। एक मशीन से कम से कम 6000 टन कूड़े का प्रतिमाह निस्तारण किया जाएगा।’’ उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि इसका क्या मतलब हुआ? इसका मतलब यह है कि 306 रुपए प्रति टन के हिसाब से कूड़े का निस्तारण करेंगे। एक महीने में, एक मशीन कम से कम 6000 टन कूड़े का निस्तारण करेगी। इस तरह, 306 गुणा 6000 करते हैं, तो 18.36 लाख रुपए कम से कम बनता है। इस तरह यह लोग एक मशीन का एक महीने में कम से कम 18.36 लाख रुपए किराया देंगे। फिर भी ये लोग कह रहे हैं कि हम इन मशीनों का किराया नहीं ले रहे हैं।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इनके स्टैंडिंग कमेटी का जो एजेंडा छपा है, उसमें साफ-साफ लिखा हुआ है कि कचरा जलाने योग्य कचरे आरडीएफ तथा एसएनबी कचरे के लिए अपेक्षित कचरा पृथक्करण ट्रामल मशीनरी किराए पर लेने के पश्चात निवेशी कचरे के बायोमाइनिंग एवं रेडिमेशन हेतु प्रति मीट्रिक दरें उद्धृरित करें। यह सब इनके एजेंटों के अंदर खुद लिखा हुआ है कि किराए पर यह मशीनें ली जा रही हैं और इनके स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष अखबारों में बयान दे रहे हैं कि यह मशीनें किराए पर नहीं ली जा रही हैं। कल स्टैंडिंग कमेटी के बाहर हमारे पार्षदों ने इसके विरोध में काफी देर तक धरना दिया और मांग की कि जो एमसीडी की खुद की ऑडिट रिपोर्ट है, उसके ऊपर एमसीडी कार्रवाई करें। मगर स्टैंडिंग कमिटी के अंदर इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमने जो कहा, वह इनकी स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष ने खुद मान लिया है और यह बात भी मान ली है कि अब तीन गुना अधिक रेट पर इस मशीन को किराए पर लिया जाएगा। इनकी ऑडिट में ही यह बात सामने आई है। यह मशीन मात्र 17.70 लाख रुपए की है। एक मशीन जिसकी कीमत 17.70 लाख रुपए है, उसका महीने का किराया एमसीडी 18.36 लाख रुपए देगी। यह बात अब खुद उनके बयान में ही दर्ज हो गई है। चूंकि अब एमसीडी नहीं मान रही है और सीधा-सीधा गुंडागर्दी पर उतर आई है। इसलिए हमने निर्णय लिया है कि नार्थ एमसीडी में आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष विकास गोयल सेक्शन-207 दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट, अमेंडमेंट-2011 के तहत दिल्ली सरकार को अपनी शिकायत देंगे, ताकि दिल्ली सरकार एक विशेष ऑडिट इस मामले में करा कर दूध का दूध और पानी का पानी कर सके।

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