MCD वालों !! आखिर क्यों है निगम के शिक्षा विभाग का हरेक काम और कर्मी बाधित?? हो गया है ये बड़ा वाला खुलासा…

बजाते रहो न्यूज़

एक ओर तो दिल्ली नगर निगम में काबिज़ आम आदमी पार्टी की सरकार नगर निगम स्कूलों की बिगड़ी स्थिति को सुधारने में जुटी है लेकिन वही दूसरी ओर शिक्षा विभाग में बैठे आला अधिकारी ठीक इसके विपरीत काम कर रहे हैं।ऐसे में स्थिति ठीक होने की जगह और भी बत्तर होती जा रही है।

अपना नाम ना सर्वजनिक करने की शर्त पर विभाग के विश्वसनीय सूत्रों ने बजाते रहो न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि विभाग का सारा काम लगभग ठप पड़ा है। सभी 12 जोनों के स्कूल के काम पूरी तरीके से बाधित हो रहे हैं।

विभाग के लगभग सारे फाइल्स टेबल पर धूल फांक रहे हैं जिसमें स्कूल से जुड़े कई मुद्दों के अलावा सैलरी, रिटायरमेंट छुट्टियों से जुड़ी फाइल आदि भी शामिल है। यही नहीं बच्चों के लिए चलाए जा रहे मिशन बुनियाद के लिए भी सही तौर पर शिक्षकों का चयन नहीं किया गया है।

खुलासा हुआ है कि ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि जिस अधिकारी को शिक्षा विभाग की ज़िम्मेदारी दी गई है वे अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में विफल हो रहे है क्योंकि वे निदेशक की सीट से हमेशा गायब रहते है।

जानकारी हो कि बीते 7 अप्रैल 2022 को साल भर के लिए डेपुटेशन पर बतौर निर्देशक ,शिक्षा विभाग साउथ दिल्ली नगर निगम में विकास त्रिपाठी लगाए गए थे। दिल्ली नगर निगम एकीकृत हो जाने के बाद 22 मई 2023 को विकास त्रिपाठी को एकीकृत निगम के निदेशक पद की ज़िम्मेदारी दे दी गई।

त्रिपाठी की नियुक्ति जिस मंत्रालय द्वारा की गई थी वह केवल साउथ दिल्ली नगर निगम में निदेशक पद तक के लिए सीमित थी। लेकिन निगम के आला अधिकारियों की मेहरबानी से ना केवल उन्हें एकीकृत निगम का निदेशक बनाया गया बल्कि उनकी पदोन्नति कर अतिरिक्त आयुक्त, शिक्षा विभाग की भी जिम्मेदारी दे दी गई।

इस कदम के बाद शिक्षा विभाग के सारे काम प्रभावित होने लगे हैं क्योंकि एक ही व्यक्ति के ऊपर कई सारी जिम्मेदारी दे दी गई है। जिसकी वजह से विभाग का काम सुचारु रुप से चलाना मुश्किल हो रहा है। यही कारण है कि सारे स्टाफ के साथ-साथ स्कूली बच्चों से जुड़े ज्यादातर काम बाधित हो रहे हैं।

विभाग के विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि बीते 1 मई 2023, जब त्रिपाठी को अतिरिक्त आयुक्त की जिम्मेदारी मिली तब से लेकर अबतक ना तो त्रिपाठी निदेशक की सीट पर कभी मिलते हैं और ना ही निदेशक पद की जिम्मेदारी ठीक ढंग से निभाने के लिए अपना समय दे पा रहे हैं।

 दिल्ली नगर निगम में काबिज़ आम आदमी पार्टी की सरकार बराबर नगर निगम के शिक्षा की बेहतरी की बात करती है।लेकिन उसके ठीक विपरीत निदेशक की सीट बराबर खाली दिखाई पड़ रही है। ऐसे में आम आदमी पार्टी सरकार के लिए निगम में शिक्षा की बदहाल स्थिति को ठीक करना चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।

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