MCD: इस बड़ी परेशानी को सबसे पहले निपटाने के लिए निगम ने तैयार किया ये नया प्लान…

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*नई दिल्ली, 05 जून, 2023*

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आज दिल्ली की मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने सिविक सेंटर में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली जीरो वेस्ट- सहभागिता कॉलोनियों को सम्मानित किया। इन ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी को 100 फीसदी कचरे का स्रोत पर ही निस्तारण करने पर सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही बल्क वेस्ट जेनरेटर और रिड्यूज-रियूज-रिसाइकिल (आरआरआर) सेंटर को भी सम्मानित किया। ठोस कूड़ा प्रबंधन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 127 जीरो वेस्ट कॉलोनी, 10 एनजीओ, 17 बल्क वेस्ट जनरेटर को सम्मानित किया।

इस अवसर पर मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा की दिल्ली में 3 कूड़े के पहाड़ हैं। यहां पर लगातार बायो माइनिंग और रीसाइकलिंग का कार्य किया जा रहा है, ताकि कूड़े के पहाड़ों को समाप्त किया जा सके। इस समस्या से निपटने के लिए इसकी तह में जाने की आवश्यकता है। दिल्ली नगर निगम और केजरीवाल सरकार कूड़ा प्रबंधन के लिए प्रभावी नीतियां बना रही है। इसके लिए लोगों की सहभागिता सबसे ज़्यादा आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के विजन के तहत दिल्ली को कूड़ा मुक्त करने के लिए ठोस कूड़ा प्रबंधन की दिशा में विभिन्न कार्य किये जा रहे हैं। सभी 12 ज़ोनो में आरडब्ल्यूए के साथ बैठक की जाएगी। सभी पार्षदों से कहा गया है कि पने क्षेत्र के आरडब्ल्यूए के साथ बैठक कर उन्हें जीरो वेस्ट कॉलोनी बनने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे स्रोत पर ही कूड़े का निपटान हो सके और लैंडफिल साइटों पर लेगेसी वेस्ट ना बढ़े। लोगों को जोन वाइज पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाएगा। पार्षदों के सहयोग से अभियान चलाया‌ जाएगा।

नेता सदन मुकेश गोयल ने सम्मानित किए गए आरडब्ल्यूए को बधाई देते हुए कहा कि सभी ने अपनी कॉलोनियों को जीरो वेस्ट कॉलोनी बनाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। यदि पूरी दिल्ली में सभी कॉलोनियाँ अपने क्षेत्र के कूड़े का स्वयं निपटान करेंगी तो दिल्ली निश्चित रूप से स्वच्छ और स्वस्थ्य बनेगी।

दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती ने कहा कि ठोस कूड़ा प्रबंधन एक चुनौती है। जिससे निपटने के लिए विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं। दिल्ली में प्रतिदिन 11000 टन कूड़ा उत्सर्जित होता है जिसमें से लगभग 7-8 हज़ार कूड़े का ही निपटान हो पाता है। इस प्रकार 4 हज़ार टन कूड़ा लैंडफिल साइट में लेगेसी वेस्ट में बदल जाता है जो निश्चित रुप से चिंता का विषय है। ऐसे में इस समस्या के निपटान के लिए आवश्यक है कि ज़्यादा से ज़्यादा ज़ीरो वेस्ट कॉलोनियां बनाईं जाएं और स्रोत पर ही कूड़े को अलग-अलग कर निस्तारण किया जाए।

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