बड़ी खबर: इन सभी कर्मचारियों के साथ हो रहा है धोखा..

बजाते रहो न्यूज़

*केजरीवाल सरकार ने लाखों कर्मचारियों के साथ किया धोखा: बिधूड़ी*
*डीटीसी के रिटायर्ड कर्मचारियों को नहीं मिल पा रही पेंशन*
*डीटीसी, जल बोर्ड, गेस्ट टीचर्स, आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स के साथ हुई वादाखिलाफी*
*भाजपा विधायक 7 जुलाई को मुख्यमंत्री राजमहल के बाहर देंगे धरना*

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि केजरीवाल सरकार ने कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। डीटीसी, दिल्ली जल बोर्ड, गेस्ट टीचर्स, आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स के साथ चुनावों में किए गए वादों से सरकार पूरी तरह मुकर चुकी है। लाखों कर्मचारियों के शोषण और उनके साथ हुई वादाखिलाफी के विरोध में भाजपा के सभी विधायक 7 जुलाई को मुख्यमंत्री के आवास पर धरना देंगे।

बिधूड़ी ने कहा कि डीटीसी के रिटायर्ड कर्मचारियों के साथ-साथ अस्थाई और ठेके पर काम करने वाले 50 हजार कर्मचारियों का सरकार शोषण कर रही है। 28 हजार रिटायर्ड कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से पेंशन नहीं दी जा रही। कर्मचारी पेंशन के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। पिछले महीने की शुरुआत में परिवहन मंत्री ने स्वयं स्वीकार किया था कि रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिल पा रही और इस समस्या को जल्दी ही सुलझा लिया जाएगा लेकिन तब से अब तक सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी है। कर्मचारियों को फंड न होने की दुहाई दी जा रही है जबकि मुख्यमंत्री केजरीवाल का चेहरा चमकाने के लिए हर साल 500 करोड़ रुपए से ज्यादा प्रचार पर खर्च किया जा रहा है। डीटीसी में हजारों कर्मचारी अस्थाई रूप से काम कर रहे हैं। इसके अलावा क्लस्टर बसों में ड्राइवर ठेकेदारी पर काम कर रहे हैं। केजरीवाल ने इन सभी अस्थाई और ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को लिखकर आश्वासन दिया था कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो उनका वेतन बढ़ाया जाएगा और उन्हें पक्का किया जाएगा लेकिन सत्ता में आने के बाद केजरीवाल बाकी वादों की तरह इस वादे को भी भूल गए।

बिधूड़ी ने कहा कि डीटीसी की तरह दिल्ली जल बोर्ड में भी हजारों कर्मचारी अस्थायी रूप से काम कर रहे हैं और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें भी यह लिखकर दिया था कि सत्ता में आने के बाद उन्हें नियमित कर दिया जाएगा लेकिन आठ साल गुजरने के बाद एक भी कर्मचारी को पक्का नहीं किया गया। दिल्ली सरकार ने 22 हजार गेस्ट टीचर्स को भी झांसा दिया है और न तो उनका वेतन बढ़ाया गया और न ही उन्हें पक्का किया गया। अब शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में भी उनके बारे में झूठ बोलकर सभी को भ्रमित करने की कोशिश की। आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स का वेतन दिल्ली सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन के आधे से भी कम है। इन वर्कर्स ने जब सरकार को वादे की याद दिलाई तो उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दे दी गई।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लाखों सरकारी कर्मचारियों के साथ हो रही इस ज्यादती को भाजपा सहन नहीं कर सकती। इसलिए भाजपा के विधायक इन कर्मचारियों के समर्थन में 7 जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास के बाहर धरना देंगे। उन्होंने कहा कि जब तक कर्मचारियों को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक भाजपा का आन्दोलन जारी रहेगा।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Leave A Reply

Your email address will not be published.