दिल्ली नगर निगम में फिर कटा बवाल..अन्याय के खिलाफ 19 हज़ार शिक्षकों ने खोला मोर्चा…

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शिक्षक न्याय मंच नगर निगम के अध्यक्ष कुलदीप सिंह खत्री ने बताया कि RTE (शिक्षा का अधिकार) और नई शिक्षा नीति के अनुसार एक कक्षा में 30 छात्र पर एक अध्यापक होना सुनिश्चित किया गया है पर यहां निगम में एक कक्षा में 40 छात्रों पर एक शिक्षक का प्रावधान बनाया हुआ है उस अनुसार भी अगर देखा जाए तो निगम में 1531 स्कूलों में 816655 बच्चे पढ़ते हैं और इन छात्रों के लिए छात्र शिक्षक अनुपात के अनुसार 11 हजार शिक्षकों की कमी है।

लेकिन यहां निगम ने ट्रांसफर प्रकिया में 597 शिक्षकों को निगम से सरप्लस दिखा दिया है इसके ठीक विपरीत दिल्ली हाई कोर्ट ने एक आदेश दिया है की निगम में 5750 शिक्षकों की वेकेंसी भरी जाएं यह आदेश ना मानने पर निगम कमिश्नर को कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट भी भेजा गया है और इधर निगम शिक्षा विभाग 597 शिक्षक सरप्लस दिखा रहा है। कोर्ट झूठा है या निगम शिक्षा विभाग इसका फैसला किया जाना जरूरी है। विभाग के इस फैसले से जहां एक स्कूल में 8 शिक्षकों की जरूरत थी वहां 3 शिक्षक सरप्लस दिखा दिए गए हैं।

कुल मिलकर निगम शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी कोर्ट को और निगम शिक्षकों को मूर्ख बना रहे हैं। महापौर इस सब मैं आंखें मूंदे शिक्षा विभाग के एक उच्च अधिकारी पर विश्वास किए बैठी हैं जिसके कारण निगम स्कूलों मैं तानशाही का माहौल बना हुआ है।

अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ संगठन से नवीन सांगवान जी ने बताया की अब यह आंदोलन नहीं रुकेगा आज से शुरू हुआ यह आंदोलन अब आगे बढ़ेगा जिसमे रोज शिक्षक काली पट्टी बांध विरोध करेंगे और 25 सितंबर को सभी निगम शिक्षक सामूहिक अवकाश पर जायेंगे और 27 सितंबर को सभी निगम शिक्षक विरोधस्वरूप अपने फोन से हाजरी ऐप को डिरजिस्टर करेंगे और अगर तब भी विभाग ने ऑनलाइन ट्रांसफर प्रकिया में वास्तविक वेकेंट सीट नहीं दिखाई तो 9 अक्टूबर को सिविक सेंटर के गेट नंबर 3 पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया जायेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी निगम महापौर और निगम के शिक्षा अधिकारियों की होगी।

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