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दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में आज 58 में से 54 प्रस्ताव पास किए गए हैं। मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि 5 हजार सफ़ाई कर्मचारियों को नियमित करने और डीबीसी कर्मचारियों को एमटीएस बनाने का प्रस्ताव को पास कर दिया गया है। निगम स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब वर्ग के बच्चों को यूनिफार्म के लिए 1100 रुपए प्रति छात्र दिए जाएंगे।
ओबरॉय ने कहा कि अक्तूबर माह के इस सदन में आज आम आदमी पार्टी की निगम सरकार ने सर्वसम्मति से दिल्ली की जनता व निगम के कर्मचारियों के हित में महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पारित किया है। सदन में लाए गए सभी प्रस्तावों से दिल्ली की जनता और नगर निगम के कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि 5 हजार सफ़ाई कर्मचारियों को नियमित किया। साथ ही लगभग 3100 डीबीसी कर्मचारियों, जो वर्षों से अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे थे, उन्हें एमटीएस बनाया गया है। इसके अतिरिक्त दिल्ली की सफ़ाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने और कूड़े के पहाड़ों को ख़त्म करने के लिए समानांतर एजेंसी लायी गयी है ताकि ओखला, ग़ाज़ीपुर व भलस्वा लैंडफिल साइट पर वैज्ञानिक तरीक़े से कूड़े का निष्पादन किया जा सके। स्थायी समिति के गठन के बाद इन प्रस्तावों को और आगे ले जाया जाएगा।
मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि निगम स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब वर्ग के बच्चों को यूनिफार्म भी दी जाएगी। यूनिफार्म हेतु 1100 रुपए प्रति बच्चों को दिए जाएंगे। यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी आज पास किया गया है। इसके अतिरिक्त निगम के प्रिंसिपलों को बेहतर प्रशिक्षण देने हेतु अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी जैसे ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज में भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव से स्कूलों में शिक्षा का स्तर भी बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि बैठक में तीन प्रस्ताव को स्थगित व एक को अस्वीकार किया गया है। इन सभी प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी और फिर इन्हें पास किया जा सकता है।
वही 5000 सफाई कर्मचारियों के पक्के होने के बात पर नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि मेयर द्वारा यह केवल क्रेडिट लेने की कोशिश है। क्योंकि यह काम 2013 में ही जब नगर निगम में बीजेपी की सरकार थी।उस वक़्त सभी 5000 कर्मचारियों के लिए प्रस्ताव लाकर उन्हें पक्का कर दिया गया था। फंड की भारी कमी की वजह से उस समय ये काम फाइनल नहीं हो पाया था।
वहीं डीबीसी कर्मचारियों के एमटीएस बनाने को लेकर कहां की भले ही इन कर्मचारियों का नाम बदलकर एमटीएस किया जा रहा है लेकिन बावजूद इसके कर्मचारी पक्के नहीं बल्कि कच्चे ही कहलाएंगे।