MCD के कर्मचारियों को लेकर नेता विपक्ष अंकुश नारंग का हल्लाबोल

बजाते रहो भारत न्यूज़ नई दिल्ली

29 सितंबर 2025

*भाजपा सरकार से नाराज हड़ताल पर बैठे 5200 एमटीएस/सीएफडब्ल्यू कर्मचारियों की मांगों को “आप” का समर्थन*

*- एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कर्मचारियों से मुलाकात कर कहा, भाजपा सरकार सारी मांगे पूरी करे*

*- सामान वेतन, मेडिकल अर्न लीव और अनुकंपा के आधार परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग जायज़ है- अंकुश नारंग*

*-“आप” कर्मचारियों की मांगों को लेकर मेयर को कई बार पत्र लिख चुके है, सदन में भी मुद्दा उठाया, लेकिन मेयर ने कोई समाधान नहीं निकला – अंकुश नारंग*

*- मौसमी बीमारियों से दिल्लीवाले परेशान हैं, मेयर के समाधान न निकलने से 5200 कर्मचारियों के हड़ताल से दिल्ली के हालात और बिगड़ेंगे – अंकुश नारंग*

*भाजपा के मेयर राजा इकबाल सिंह की एकड़पन की वजह से दिल्ली की जनता को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है :- अंकुश नारंग*

*- भाजपा की चार इंजन सरकार है, फिर भी मेयर और निगम कमिश्नर बजट न होने का रोना रो रहे है – अंकुश 

दिल्ली नगर निगम के एमटीएस/सीएसडब्ल्यू कर्मचारी सोमवार को अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए। आम आदमी पार्टी ने लंबे समय से लंबित इनकी मांगों का समर्थन किया है। एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों से मुलाकात कर कहा कि भाजपा सरकार को कर्मचारियों की सारी मांगे तत्काल पूरी करनी चाहिए। कर्मचारियों की सामान वेतन, मेडिकल अर्न लीव और अनुकंपा के आधार परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग जायज़ है। मैने इनकी मांग पूरी करने के लिए मेयर को कई बार पत्र लिखा है, सदन में भी यह मुद्दा उठाया। लेकिन मेयर ने कोई कार्रवाई नहीं की। दिल्ली में मौसमी बीमारियां कहर बरसा रही हैं। 5 हजार दो सौ कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से हालात और खराब होंगे।

अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी वित्तीय बहाने बनाकर इन कर्मचारियों को न्यूनतम की मांग को नजरअंदाज कर रही है। ये कर्मचारी दिल्लीवासियों को मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू जैसी बीमारियों से बचाने का काम करते हैं, लेकिन भाजपा उनकी बुनियादी जरूरतें ही पूरी नहीं कर पा रही है। एमसीडी सदन में भी मैंने इस मुद्दे को उठाया था कि कर्मचारी न्यूनतम वेतन की मांग कर रहे हैं। दिल्ली में मच्छर जनित बीमारियों का खतरा चरम पर है। डेढ़ महीने पहले भी इन कर्मचारियों ने एक दिन की हड़ताल की थी, जिसमें तीन मुख्य मांगें रखी गई थीं। पहली मांग एक समान वेतन की है। वर्तमान में एमटीएस/सीएफडब्लयू कर्मचारियों को छह अलग-अलग वेतन स्केलों में भुगतान किया जाता है, जो असमानता पैदा करता है। यह मांग पूरी तरह जायज़ है और सभी को एक समान वेतन मिलना चाहिए।

अंकुश नारंग ने बताया कि दूसरी मांग मेडिकल अर्न लीव से जुड़ी है। ये कर्मचारी 25-30 वर्षों से लगातार सेवा दे रहे हैं, लेकिन उन्हें मेडिकल अवकाश का लाभ नहीं मिल रहा। तीसरी मांग सबसे संवेदनशील है, जिसमें कर्मचारियों ने कम्पैशनेट ग्राउंड पर नौकरी की व्यवस्था की बात कही है। अंकुश नारंग ने स्पष्ट किया कि ये लोग रोजाना टंकियों, छतों, सड़कों और कूलरों पर जाकर पानी की जांच करते हैं, फॉगिंग करते हैं और दवाइयां डालते हैं। इस दौरान वे मच्छरों और लार्वा के सबसे ज्यादा संपर्क में आते हैं, जिससे उन्हें बीमारियों का खतरा रहता है। अगर किसी कर्मचारी को कुछ हो जाता है, तो उनके परिवार से एक सदस्य को नौकरी देने की मांग में क्या गलत है?

अंकुश नारंग ने एमसीडी अधिकारियों के रवैये पर भी हमला बोला और कहा कि कर्मचारी जब अधिकारियों से मिले, तो एक निदेशक ने उन्हें समझाया कि एक समान वेतन देने से हर महीने पांच करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जो सालाना 60 करोड़ होगा। दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार है, फिर भी यह छोटा-सा खर्चा वहन नहीं कर पा रही। महापौर को शर्म आनी चाहिए। ये 5200 कर्मचारी दिल्ली के 5200 परिवारों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन्हीं की मेहनत से भाजपा को दिल्ली में सात लोकसभा सीटें, 48 विधानसभा सीटें और वर्तमान में एमसीडी में बहुमत में हैं। सीएम रेखा गुप्ता विज्ञापनों पर इससे कहीं ज्यादा खर्च करती हैं और प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों के लिए बसें लाने में भी इससे ज्यादा पैसा लग जाता है।

अंकुश नारंग ने कहा कि आम आदमी पार्टी के लंबे संघर्ष के बाद डीबीसी कर्मचारियों ने एमटीएस का दर्जा हासिल किया था, लेकिन भाजपा सरकार से एक समान वेतन की उम्मीद तक पूरी नहीं हुई। मैंने 26 सितंबर को महापौर को पत्र लिखकर इनका समाधान करने की मांग की थी। सदन‌ में भी यह मुद्दा रखा। लेकिन भाजपा मेयर ने कोई भी समाधान निकालने पर बात नहीं की।उन्होंने एमसीडी अधिकारियों के रवैये की आलोचना की। यूनियन के साथ एमएचओ (मेडिकल हेल्थ ऑफिसर) की बैठक में पहले दिल्ली सरकार का पत्र मांगा गया, जो दे दिया गया। फिर सभी जोनों से पत्र की मांग की गई। आम आदमी पार्टी के चार जोन चेयरमैन (पुनीत राय, अमृत जैन, विकास टांग और निर्मला कुमारी) के पत्र जमा करवाए गए, लेकिन फिर भी मांगें पूरी नहीं हुईं। उन्होंने मेयर राजा इकबाल सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि वह न केवल कर्मचारियों, बल्कि दिल्ली की जनता को मौसमी बीमारियों के कहर में धकेल रहे हैं।

अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली की जनता ने भाजपा को गलती से दिल्ली में सात लोकसभा सीटें, 48 विधानसभा सीटें और एमसीडी में बहुमत दे दिया और भाजपा ने दिल्ली में “गूंगी-बहरी सरकार” और “डमी मेयर” बिठा दिया। अब मेयर कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की धमकी दे रहे हैं। भाजपा के पास 10-15 सालों से एमसीडी थी और तब राजा इकबाल एक भर्ती तक नहीं करवा पाए। उन्होंने कहा कि मेयर की धमकियों से कर्मचारी डरने वाले नहीं हैं और “आप” उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। इन कर्मचारियों को निकालने का विचार लाने से पहले मेयर अपनी एसी गाड़ी और एसी कमरे से बाहर निकलकर कर्मचारियों हक में काम करें।

अंकुश नारंग ने कहा कि आज सिविक सेंटर,एमसीडी मुख्यालय के बाहर एमसीडी के जन-स्वास्थ्य विभाग के 5200 एमटीएस/सीएफडब्ल्यू कर्मचारी अपनी जायज़ मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं। लेकिन भाजपा मेयर राजा इकबाल सिंह अपनी अकड़पन में कर्मचारियों के हक की बात सुनने को तैयार ही नहीं। जब मैंने सदन‌ में इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाही। तो भाजपा मेयर ने कर्मचारियों के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की। और न ही कोई समाधान निकाला। मेयर को न दिल्ली की जनता की परवाह है और न ही कर्मचारियों की। मेयर राजा इकबाल सिंह भाजपा के डमी मेयर है उन्हें तत्काल प्रभाव से मेयर पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

आम आदमी पार्टी ने हमेशा से निगम कर्मचारियों के हक में बात की है और आगे भी कर्मचारीयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सड़क से सदन तक मुद्दे उठाती रहेगी।