मुझे कैंसर है ,इलाज कराने के लिए मेरे पास पैसे नहीं। मेरी पत्नी पिछले ५ सालों से अपने दोनों पैरो से लाचार है। उसकी दोनों आँखें लगभग ख़राब हो चुकी हैं।उसकी हालत ऐसी है कि पानी भी खुद से उठकर नहीं पी सकती है। लगभग १४५०० जो निगम से पगार मिलती है, उसमें से ६००० तो घर के किराये में चला जाता है। इतने कम पैसों में जब घर भी ठीक तरीके से नहीं चल रहा तो अपना और पत्नी का इलाज कैसे कराऊँ ? ये कहना है उत्तरी दिल्ली नगर निगम ,रोहिणी जोन वार्ड ५१ में कर्यरत डीबीसी कर्मचारी विजय कुमार का।
विजय ने बजाते रहो न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि अभी बीते महीने वो कोरोना से उभरा ही था कि उसे कैंसर की बीमारी की जानकारी लगी। जिसके बाद पूरा परिवार टूट सा गया है। २१ साल का बेटा है जो पुरे समय अपनी माँ की सेवा में लगा रहता है। ऐसे में कमाने वाला व्यक्ति केवल विजय ही है। लेकिन अब जब विजय को कैंसर ने पकड़ लिया है तो लगातार उसके लिए भी ड्यूटी कर पाना आसान नहीं होगा। विजय की निगम प्रशासन से मांग है कि उसकी बीमारी का सारा खर्च निगम द्वारा उठाकर उसकी मदद की जाये।
विजय की स्तिथि की जानकारी मिलने के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर राजा इक़बाल ने कहा कि उनसे जितनी मदद हो सकेगी वो विजय के लिए ज़रूर करेंगे। साथ ही उन्होंने बजाते रहो न्यूज़ के ज़रिये डीबीसी विजय के नाम संदेश भेजते हुए कहा है कि वो जल्द उनसे आकर मिलें।
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