इस बड़े मुद्दे पर एलजी की बैठक, उपमुख्यमंत्री के साथ निगम के विशेष अधिकारी भी बैठक में मौजूद…

उपराज्यपाल वी.के सक्सेना, जो दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के अध्यक्ष भी हैं, ने आज उप मुख्यमंत्री  मनीष सिसोदिया के साथ राजधानी में कोविड की स्थिति की समीक्षा हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। बेमौसम डेंगू और अन्य मच्छर जनित बिमारियों के लगातार बढ़ते मामले सामने आने के मुद्दे पर भी विस्तृत चर्चा की गई।इस बैठक में निगम के विशेष अधिकारी, निगमायुक्त और, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, दिल्ली सरकार के सचिव भी उपस्थित थे ।

उपराज्यपाल ने हाल में संक्रमणों की संख्या में बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की एवं अधिकारियों को सतर्क रहने एवं बढ़ते मामलों से निपटने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं और अस्पतालों की तैयारियों में कोई भी कोताही न बरतने का निर्देश दिया । उन्होंने कोविड सम्बंधित नियमों को लागु करने की आवश्यकता पर जोर दिया और शहर के लोगों से कोविड अनुरूप व्यवहार को स्वेच्छा से पालन करने की भी अपील की।
उपराज्यपाल ने महामारी से सफलतापूर्वक लड़ने के लिए जाँच, निगरानी, उपचार और टीकाकरण की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ जाँच बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया, साथ ही अधिकारियों को मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग करने का भी निर्देश दिया ताकि किसी भी नए वेरियंट के प्रसार से निपटा जा सके। दिल्ली में टीकाकरण की विभिन्न श्रेणियों में उच्च प्रतिशत की सराहना करते हुए, उपराज्यपाल ने एहतियाती टीके के अपेक्षाकृत कम आंकड़ों की ओर भी इशारा किया और अधिकारियों को सार्वजनिक आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी।

वेक्टर जनित रोगों की स्थिति की समीक्षा करते हुए, यह सूचित किया गया कि घरेलू मच्छर प्रजनन जांचकर्ता (डीबीसी) घरों के निरीक्षण का रिकॉर्ड मैन्युअल रूप से खातों में करते हैं । इस पर संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल ने सिस्टम को स्वचालित करने का निर्देश दिया जिसमें डीबीसी, प्रजनन/मच्छरजनक स्थिति के साक्ष्य, यदि को हो तो के साथ-साथ घर और उसमे रहने वालों की तस्वीर तत्काल अपने फ़ोन से अपलोड करें । इसी तरह, यह सूचित किए जाने पर कि एमसीडी द्वारा 6,000 से अधिक अभियोजन कार्यवाही शुरू की गई है, जहां प्रतिवादी को मजिस्ट्रेट के समक्ष शारीरिक रूप से उपस्थित होना होगा, उपराज्यपाल ने इन मामलों के निपटान के लिए ई-कोर्ट प्रणाली अपनाये जाने के निर्देश जारी किए, ताकि लोगों को परेशानी और अनावश्यक असुविधा न हो। उपराज्यपाल ने निर्देश दिए कि 30 जून तक यह व्यवस्थाएं लागू कर दी जानी चाहिए।

उपराज्यपाल ने गर्मी के मौसम के बावजूद, पिछले साल मानसून की समाप्ति और सर्दियों की शुरुआत के बाद भी पूरे साल डेंगू के बढ़ते हुए मामलों को चिंताजनक बताया। उन्होंने अधिकारियों से, विशेषज्ञों और महामारीविदों से परामर्श करने के लिए कहा ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई नया वायरस स्ट्रेन विकसित तो नहीं हुआ है, जिससे प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। उन्होंने नगर निकायों के अधिकारियों को मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए अपने प्रयासों में तेजी लाने के साथ-साथ स्वच्छता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया ताकि मच्छरजनित बीमारियों के प्रजनन और प्रसार की रोकथाम की जा सके।

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