भूख हड़ताल पर 5 दिन से बैठे एनएसडी के विद्यार्थियों का प्रशासन के खिलाफ अनिश्चितकालीन हल्लाबोल….

बजाते रहो न्यूज़, श्रावणी मिश्रा भूपति

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के विद्यार्थी बीते 3 अक्टूबर से अपनी मांगों को लेकर परिसर में प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं। विद्यार्थियों ने एक पत्र के जरिए अपनी सारी मांगों को प्रशासन तक भेजा है। एनएसडी स्टूडेंट यूनियन (एनएसडीएसयू) द्वारा जारी यह पत्र प्रशासन के पोल खोल रहा है।

इस पत्र में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय प्रशासन की कई अनियमिततओं को खुलकर सामने रखा गया है। जिसमें एनएसडी के रजिस्ट्रार और डायरेक्टर की कार्यशैली को लेकर भी असंतुष्टि जाहिर की गई है

पत्र के जरिए विद्यार्थियों ने अपने पांच प्रमुख मांगों को प्रशासन के समक्ष रखा है

पहली डिमांड

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में परमानेंट डायरेक्टर की जल्द से जल्द नियुक्ति की जाए। इस पहली डिमांड को पत्र में सम्मिलित करते हुए लिखा गया है कि 4 साल पहले राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक के कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद से लेकर अब तक एनएसडी में परमानेंट डायरेक्टर की  नियुक्ति नहीं की गई है जिसकी वजह से विद्यार्थियों को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।

दूसरी डिमांड

परमानेंट फैकल्टी की नियुक्ति जल्द से जल्द की जाए। इस पर अपनी बात रखते हुए पत्र में लिखा गया है कि मौजूदा समय में केवल छह परमानेंट फैकल्टी है,वह भी केवल मेल फैकल्टी है। ये संख्या विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने के लिए पर्याप्त नहीं। साथ ही यह भी कहा गया है कि फैकल्टी को लेकर वैकेंसी भी भरी नहीं जा रही है। इस वजह से विद्यार्थियों को सही ढंग से प्रशिक्षण पाने में कई तरह की मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है।

तीसरी डिमांड

डायरेक्टर और फैकल्टी की नियुक्ति में पारदर्शिता। यह तीसरी मांग को पत्र में लिखते हुए बताया गया है कि 2018 से दो ऐसी घटना सामने आई है जिसमें दोनों पदों को लेकर इंटरव्यू तो हुए लेकिन नियुक्ति में घालमेल की बात सामने आई जिसके बाद सिलेक्शन प्रोसेस को लेकर पारदर्शिता की मांग उठाई गई है। यही नहीं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों की नियुक्तियों को भी सवालों के घेरे में रखते हुए पारदर्शिता की मांग की गई है।

चौथी डिमांड

एकेडमिक शेड्यूल की प्रॉपर प्लानिंग के साथ डीन को बदलने की मांग को पत्र के जरिए आगे बढ़ाते हुए लिखा गया है कि हर साल के एकेडमिक शेड्यूल की प्लानिंग 6 महीने पहले तैयार की जानी चाहिए। साथ ही यह भी मांग उठी है कि मौजूदा डीन को बदलकर तुरंत किसी सक्षम डीन की नियुक्ति की जाए क्योंकि विद्यार्थियों के प्रशिक्षण में आ रही कई तरह की बाधाओं को दूर करने में मौजूदा डीन असफल साबित हो रहे हैं।

पांचवी डिमांड

विद्यार्थियों ने अपनी आखिरी डिमांड में मौजूदा रेजिस्टर को तुरंत हटाने की मांग करी है। इस डिमांड को पत्र के जरिए भेजते हुए लिखा गया है कि एक अयोग्य रजिस्टार की वजह से राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की कार्यशैली दिन पतिदिन खराब होती जा रही है। पत्र में लिखा गया है कि रजिस्टार द्वारा जहां एक ओर स्टूडेंट प्रोडक्शन के बजट को कम कर दिया गया तो वही दूसरी ओर प्रोडक्शन के कुछ ही दिन पहले बजट की स्वीकृति दी जाती है। ऐसा करने से विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत बहुत ज्यादा प्रभावित हो रही है। यही नहीं जो गेस्ट फैकल्टी बाहर से प्रशिक्षण के लिए आती है उन्हें भी रहने के लिए सही तौर पर जगह का प्रबंध नहीं किया जा रहा है और ना ही उन्हें उनकी फीस समय से दी जा रही है। ऐसे गलत व्यवहार की वजह से शिक्षक भी भविष्य में प्रशिक्षण देने से भी कतराने लगे हैं।

बजाते रहो न्यूज़ ने इस पूरे मामले पर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के एकेडमिक काउंसिल मेंबर तमिल अरसी से बात की। अपनी बात को रखते हुए उन्होंने कहा कि बीते 5 दिनों से सभी विद्यार्थी इस डिमांड को लेकर जूझ रहे है लेकिन अभीतक एनएसडी के चेयरमैन परेश रावल ने अपनी तरफ से मिलने की ज़रूरत नहीं समझी।अरसी ने बताया कि ये समस्या पहले कभी नहीं थी। बीते 4 सालों से प्रशासन की बिगड़ी कार्यशैली की वजह से सभी विद्यार्थी झेल रहे है।जबतक विद्यार्थियों की सभी 5 मांगों को पूरा नहीं किया जाता तबतक प्रदर्शन जारी रहेगा।

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