MCD: पूर्व विशेष अधिकारी पर आप ने लगाया गड़बड़ी का गंभीर आरोप तो सबूत ने खोल दी सारी सच्चाई

बजाते रहो न्यूज़ 

दिल्ली नगर निगम में पढ़ने वाले स्कूली बच्चों को मिलने वाले यूनिफॉर्म के भत्ते को लेकर एक बड़ा मामला सुर्खियों में है। बीते मंगलवार को एक प्रेसवार्ता के ज़रिए भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली नगर निगम की महापौर शैली ओबरॉय पर विद्यार्थियों को मिलने वाले यूनिफार्म के भत्ते में कटौती करते हुए 1100 से घटाकर 600 कर देने का आरोप लगाया ।

इसपर आज जवाब देते हुए नेता सदन मुकेश गोयल ने कहा कि ये फैसला उसवक्त का है जब दिल्ली नगर निगम का सारा कार्यभार विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार के हांथों में था। कुमार को केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा ही भेजा गया था। ऐसे में ये परेशानी कुमार द्वारा ही खड़ी की गई है ।

लेकिन इस बात के ठीक उलट दिल्ली भाजपा द्वारा एक सर्कुलर सार्वजनिक किया गया है जिसमें ये साफ नजर आ रहा है कि बच्चों के यूनिफार्म के पैसे अप्रैल 2023 में एकाउंट में भेजे गए है। आम आदमी पार्टी की मेयर शैली ओबरॉय फरबरी महीने में ही अपनी सीट पर काबिज़ हो चुकी थी।

सवाल ये उठ रहा है कि महापौर ने उस समय इस बात पर गौर क्यों नहीं किया। इस समस्या को उसी समय भी ठीक किया जा सकता था।

मुकेश गोयल के बयान के बाद प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में नेता सदन  मुकेश गोयल की पत्रकार वार्ता में उनकी बौखलाहट साफ नजर आ रही थी। गोयल के सम्बोधन से साफ नजर आ रहा था की स्कूल छात्रों के यूनिफॉर्म भत्ते में कटौती एवं उसमे जातियता लाने और इस वर्ष नोट बुक्स कापी ना बांटे की पोल खुलने से बौखलाई हुई आम आदमी पार्टी अब अफसरों पर दोषारोपण कर बचना चाह रही है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा है की 22 फरवरी 2023 को आम आदमी पार्टी की महापौर डा. शैली ओबरॉय ने नगर निगम में सत्ता सम्भाल ली थी जिसके बाद अप्रैल एवं मई 2023 में दिल्ली नगर निगम द्वारा छात्रों को वितरित यूनिफॉर्म भत्ते को भाजपा शासनकाल में दिये जाने वाले 1100 रूपए से काट कर 600 रूपए कर बांटा गया। ऐसे मे यह कैसे मुमकिन है की महापौर या स्वंय नेता सदन को यह जानकारी नही हुई की शिक्षा विभाग ने यूनिफॉर्म भत्ते में लगभग 50 प्रतिशत की कटौती कर दी है।

आम आदमी पार्टी नेता बतायें की यदि यूनिफॉर्म भत्ते में कटौती एवं सामान्य वर्ग के लाखों बच्चों को यूनिफॉर्म भत्ते से वंचित करने का निर्णय अधिकारियों का था तो जब महापौर एवं नेता सदन को जानकारी मिली तो उन्होने अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा है की नगर निगम मे नेता सदन ने यूनिफॉर्म भत्ता कटौती का दोष तो अघिकारियों पर मढ़ दिया पर इस शैक्षणिक वर्ष में छात्रों को नोट बुक्स कापी ना दिये जाने पर चुप्पी साध गये जो अपने आप में भाजपा के आरोप की स्वीकृति है।

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