MCD Big breaking : निगम कर्मचारियों को फिर लगा है ज़ोरो का झटका..आश्चर्य की बात है कि इसबार नंबर आया…

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दिल्ली नगर निगम में कॉन्ट्रैक्ट पर कम कर रहे हैं कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का सिलसिला लगातार जारी है ।अभी कुछ ही महीने पहले जहां डाटा एंट्री ऑपरेटर एमटीएस के अलावा  कई कर्मचारियों को निगम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।उसी कड़ी में एक और मामला जुड़ गया है।

बता दें कि यह मामला निगम के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से जुड़ा है। इंजीनियरिंग विभाग में पिछले कई वर्षों से ठेके पर कम कर रहे 30 जूनियर इंजीनियर को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

इस बारे में जानकारी देते हुए फोरम ऑफ एमसीडी इंजीनियर संगठन के अध्यक्ष नरेश कुमार ने बताया कि दिल्ली नगर निगम में लगभग 223 जूनियर इंजीनियर ऐसे हैं जो कांट्रेक्चुअल आधार पर पिछले कई वर्षों से कम कर रहे हैं। कुमार ने बताया कि यह लोग कई वर्षों से अपने नियमितीकरण की डिमांड कर रहे थे। यही नहीं यह लोग दूसरी ज़रूरी सुविधाओं जैसे कि कैशलेस मेडिकल फैसिलिटी की भी लगातार मांग कर रहे थे।

जब कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई तो इन लोगों को मजबूरन कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। कुमार ने कहा ठेके पर कम कर रहे इन जूनियर इंजीनियरों को हर 6 महीने में एक्सटेंशन दी जाती रही है। इस बार जून के महीने में इनकी एक्सटेंशन खत्म हो रही थी। बावजूद इसके विभाग द्वारा एक्सटेंशन नहीं दी गई।

जब इस मामले को लेकर लोगों ने शोर मचाया तो 223 में से 30 लोगों को छोड़कर बाकियों को एक्सटेंशन दे दी गई। कुमार ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि यह लोग अपनी मांग को लेकर कोर्ट चले गए। यही कारण है कि पहले 30 लोगों को सजा दी गई है । अब यही सिलसिला बाकियों के लिए भी आगामी समय में देखने को मिलेगा। यही नहीं कुमार ने बताया कि इन इंजीनियरों को पिछले दो महीने से तनख्वाह भी नहीं दी गई है

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