MCD : निगम की ‘आप’ सरकार का बड़ा फैसला, अब दिल्लीवाले करा सकेंगे ..

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*निगम की ‘आप’ सरकार का बड़ा फैसला, बुक प्रोपर्टी को करवा सकेंगे रेगुलराइज*

*- संपत्ति का नक्शा पास कराकर और अवैध निर्माण को हटाकर बुक संपत्ति को करा सकेंगे रेगुलराइज- डॉ शैली ओबरॉय*

*- संपत्ति पर मीटर लगाने में होने वाले भ्रष्टाचार और अवैध निर्माण पर लगेगी रोक- डॉ शैली ओबरॉय*

*- हमेशा की तरह भाजपा पार्षदों की गुंडागर्दी जारी रही और आज भी सदन की कार्रवाई को चलने नहीं दिया गया- डॉ शैली ओबरॉय*

*नई दिल्ली, 26 फरवरी, 2024*

दिल्ली नगर निगम की आम आदमी पार्टी की सरकार ने बड़ा फैसला किया है। मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि संपत्ति का नक्शा पास कराकर और अवैध निर्माण को हटाकर बुक संपत्ति को लोग रेगुलराइज करा सकेंगे। इस फैसले का लाभ लाखों लोगों को होगा। संपत्ति पर मीटर लगाने में होने वाले भ्रष्टाचार और अवैध निर्माण पर रोक लगेगी। लोगों का यह काम अधिकारियों को पारदर्शिता और तय‌ समय सीमा के भीतर करना होगा।

दिल्ली की मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल व सदन के नेता श्री मुकेश गोयल के साथ सिविक सेंटर में आज महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि हमने आज सदन बुलाया था। इस बैठक में महत्वपूर्ण मुद्दों व प्रस्ताव सदन में लाए गए थे। लेकिन हमेशा की तरह भाजपा पार्षदों की गुंडागर्दी जारी रही और आज भी सदन की कार्रवाई को चलने नहीं दिया गया। सदन में ख़ूब हंगामा किया गय। भाजपा के पार्षद नहीं चाहते हैं हम दिल्ली की जनता, निगम कर्मचारियों और निगम से जुड़े सभी स्टेक होल्डर्स से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा न कर सकें। भाजपा पार्षद सदन की मर्यादा का ध्यान नहीं रखते हैं और किसी भी प्रस्ताव पर चर्चा होने नहीं देते है।

मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने भाजपा पार्षदों से आग्रह किया कि वे सदन को राजनीतिक अखाड़ा ना बनाए, सदन की मर्यादा का ध्यान रखें। एक साल से ऊपर हो चुका है किसी भी सदन की बैठक में चर्चा नहीं हुई है, जिससे दिल्ली की जनता का नुक़सान हो रहा है। हम जनता के प्रतिनिधि है हमें जनता की भलाई के बारे में सोचना चाहिए। हर मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। बैठक में हमने कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए और कुछ ऑन टेबल प्रस्ताव भी लाये गए हैं। हिंदुत्व अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में डीएनबी पाठ्यक्रम की शुरुआत करने जा रहे है। उद्यान विभाग के मालियों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए उनका अनुबंध पांच महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।

उन्होंने कहा कि इस समय सदन में स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है और लोक सभा चुनाव कभी भी हो सकते हैं। आचार संहिता लगने वाली है, तब हम ऐसे प्रस्ताव सदन में पास नहीं कर सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने मालिकों का एक साथ पांच महीने का अनुबंध बढ़ा दिया है। साथ ही टोल टैक्स का प्रस्ताव लाए हैं। जिसमें दिल्ली में जितने भी टोल टैक्स नाके है, उन्हें छह महीने का एक्सटेंशन दे दिया गया है। सबसे महत्वपूर्ण ऑन टेबल प्रस्ताव लाए हैं।

दिल्ली में एक बहुत बड़ी समस्या है जब भी किसी कॉलोनी में किसी प्रॉपर्टी में रेनोवेशन या अल्टरेशन होती है या कोई नई बिल्डिंग बन रही होती है तो एमसीडी द्वारा उन प्रॉपर्टी को बुक कर लिया जाता है। उसमें बिजली के मीटर के कनेक्शन मिलने में जनता को बहुत समस्या सामना करना पड़ता है। एक केस प्रीति vs MCD 2007 को बेस बनाकर, हम एक प्रस्ताव लाए हैं। इसके बाद अब बुक प्रॉपर्टी को नियमों के मुताबिक रेगुलराइज कराया जा सकेगा। जैसे किसी ने नक्शा पास करवाकर दो फ्लोर का मकान बनाया है। लेकिन कुछ समय बाद तीसरा फ्लोर भी बना लिया और उस फ्लोर को अवैध मानते हुए बुक कर दिया गया है। अगर उस क्षेत्र में तीन फ्लोर बनाने की अनुमति है तो संपत्ति मालिक बाद में नक्शा पास करवाकर और जरूरी फीस भरकर उस तीसरे फ्लोर को रेगुलराइज करवा सकेगा। इसके अलावा सेंक्शन्ड बिल्डिंग प्लान से अतिरिक्त फ्लोर बनवा लिए हैं, तो उनको हटाकर अपनी प्रोपर्टी को रेगुलराइज करा सकेगा।

इसकी प्रक्रिया समझाते हुए मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि दिल्ली की किसी प्रॉपर्टी में कोई रेनोवेशन, अल्टरेशन या एडिशन होता है और संपत्ति मालिक संपत्ति का प्रॉपर्टी रिटर्न भर रहा है।‌ ऐसे असेसमेंट और कलेक्शन डिपार्टमेंट का एसेसिंग ऑफिसर, बिल्डिंग विभाग से बिल्डिंग प्लान मांग सकता है। उसके बाद संबंधित असेसिंग ऑफिसर को बिल्डिंग डिपार्टमेंट को जवाब देना होगा, जो बिल्डिंग में कोई बदलाव किया गया है एडिशन किया गया है , उसकी भी हाउस टैक्स की डिटेल होगी। एसेसिंग ऑफिसर की ज़िम्मेदारी होगी की बिल्डिंग डिपार्टमेंट को जवाब दे और उसके बाद ही संपत्ति मालिक प्रॉपर्टी भी कुछ एडिशन या एल्टरेशन कर पाएगा। एसेसिंग ऑफिसर और बिल्डिंग विभाग की एक दूसरे के प्रति जवाबदेह ही होगी और 15 दिन के भीतर एक दूसरे को जवाब देना होगा।

उसके बाद डीएमसी एक्ट के सेक्शन- 491 के तहत ज़ोनल उपायुक्त, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर व एक्शन यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी बिल्डिंग में कोई बदलाव होता है तो उसकी जानकारी बिजली विभाग और दिल्ली जल बोर्ड को देनी होगी। इन अधिकारियों की ज़िम्मेदारी होगी कि अगर किसी अवैध कंस्ट्रक्शन पर एक्शन लेना है तो उससे पहले बिजली विभाग व दिल्ली जल बोर्ड को ऐसी प्रॉपर्टी की रिपोर्ट बनाकर देनी होगी। ज़ोनल उपायुक्त, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर व एक्शन यह सुनिश्चित करेंगे ये सभी विभागों से पूरी रिपोर्ट लेने और देने के बाद ही प्रॉपर्टी पर कोई भी कार्रवाई हो। दिल्ली जल बोर्ड, बिजली विभाग, एसेसिंग ऑफ़िसर और बिल्डिंग विभाग के पास रिपोर्ट पहुंचने के बाद ही किसी भी प्रॉपर्टी पर कार्रवाई की जाएगी।

इस प्रस्ताव को पास होने के बाद अब जनता को राहत मिलेगी और भ्रष्टाचार भी नहीं होगा। बैठक में आठ प्रस्तावों को पोस्टपोन किया गया और सभी को पास कर दिया गया है।

*यह अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास हुए*

– बधिर महिलाओं के लिए डीएफ़डीडब्ल्यू को किराये पर स्थान आवंटित करना,
– स्कूलों में बच्चों के लिए यूनिफॉर्म स्टेशनरी आदि ख़रीदने
– अतिरिक्त आयुक्त-उपायुक्त की नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव

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