भाजपा की खिल्ली उड़वा रहे हैं महापौर राजा इक़बाल सिंह :विकास गोयल

आम आदमी पार्टी से नॉर्थ एमसीडी के एलओपी विकास गोयल ने कहा कि एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक को नहीं जानते कहकर भाजपा मेयर अपनी ही चुनौती से भाग निकले। मेयर साहब ने सोचा, अपनी चुनौती में अपनी ही हार हो, इससे अच्छा कोई भी अनाप-शनाप बहाना बताकर भाग लो। जिस दुर्गेश पाठक के नाम के चर्चे सदन की बैठक में इनके ही पार्षद करते हैं, मेयर साहब उन्हें पहचानने से इनकार कर रहे हैं। मेयर साहब सदन की बैठक में तो बहस करा नहीं पाते हैं, दुर्गेश पाठक के साथ क्या बहस करेंगे। उन्होंने कहा कि मेयर साहब का कहना है कि वह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ बहस करेंगे। यह तो कुछ ऐसा हो गया कि मैं नरेंद्र मोदी के साथ ही बहस करूंगा। ऐसे हास्यपद बयान देकर मेयर साहब दिल्ली भाजपा की खिल्ली उड़वा रहे हैं।

नॉर्थ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा कि बुधवार को नॉर्थ एमसीडी के मेयर, स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन और नेता सदन ने एक प्रेस वार्ता की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी भाजपा पर झूठे आरोप लगाती है। उसे बदनाम करने की कोशिश कर रही है। इसपर उन्होंने आम आदमी पार्टी को डिबेट की चुनौती दी थी। और कहा था कि वह इसपर ‘आप’ पार्टी के किसी भी नेता के साथ बहस करने के लिए के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों के साथ यह साबित कर सकता हूं कि आम आदमी पार्टी झूठ बोल रही है।

हमें खुशी हुई कि चलो भाजपा के किसी नेता ने तो बहस की हिम्मत दिखाई। भाजपा ने 15 सालों के शासन में एमसीडी में जो भ्रष्टाचार किए हैं, हम लगातार उनका खुलासा करते रहे हैं। भाजपा ने एमसीडी में जो हालात कर दिए हैं, वह जनता के सामने है। अबतक किसी नेता ने बहस की बात नहीं की। इसलिए जब हमें पता चला कि एमसीडी में शासित भाजपा के नेता ने आम आदमी पार्टी को डिबेट की चुनौती दी है, तो वकाई हमें बहुत खुशी हुई। आम आदमी पार्टी ने इसपर बड़ा ही पॉजिटिव जवाब दिया कि बहस लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी के तहत आम आदमी पार्टी से एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कल सुबह इस चुनौती को स्वीकर किया। उन्होंने मेयर से कहा कि डिबेट कहां करनी है, कितने बजे करनी है और किस दिन करनी है, यह बता दीजिए, मैं समय से वहां पहुंच जाऊंगा।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दुर्गेश पाठक जी ने स्पष्टतौर पर यह कहा कि हम इसपर डिबेट करेंगे कि भाजपा पिछले 15 सालों से एमसीडी की सत्ता पर काबिज है और कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल रही है। हम डिबेट करेंगे कि इतने लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद दिल्ली में हर तरफ कूड़ा-कूड़ा है। किस प्रकार से दिल्ली पूरे देश में सबसे गंदा राज्य है। खुद मोदी जी के स्वच्छता सर्वे में दिल्ली सबसे निचले स्थान पर रही है। हम आपसे चर्चा करेंगे कि जब भी कोई व्यक्ति दिल्ली में आता है तो उसका स्वागत कूड़े के तीन बड़े-बड़े पहाड़ करते हैं। हम आपके भ्रष्टाचार पर चर्चा करेंगे। आज एमसीडी में कंगाली के हालात हो गए हैं। इन सभी मुद्दों पर वह डिबेट करने के लिए तैयार थे।

इस बयान के कुछ ही घंटों बाद एमसीडी के मेयर का बड़ा ही हैरान करने वाला बयान आया कि वह दुर्गेश पाठक जी को नहीं जानते इसलिए वह बहस के लिए तैयार नहीं हैं। मतलब, वह सीधी-सीधा बहाना बताकर अपनी ही चुनौती से भाग निकले। हमें तो पहले ही पता था कि यह लोग बहस नहीं करेगें क्योंकि इन्हें बातें बनाना आता है। लेकिन इन्होंने जो बहाना बनाया वह बड़ा हैरान करने वाला रहा कि दुर्गेश पाठक जी को जानते ही नहीं तो उनसे क्या बहस करें।

विकास गोयल ने कहा कि आप सभी पत्रकार तो सदन की बैठक भी कवर करते हैं तो आपने देखा होगा कि पिछली कुछ बैठकों में आम आदमी पार्टी से ज्यादा इनके पार्षदों ने दुर्गेश पाठक जी के बारे में चर्चा की, उनका बार-बार नाम उठाया। हालांकि, असल में मेयर साहब खुद दुर्गेश पाठक जी को अच्छे से पहचानते हैं, फिर भी उनकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि यह वही दुर्गेश पाठक जी हैं जो एमसीडी प्रभारी का पद संभालते हुए भाजपा शासित एमसीडी के अनगिनत घोटालों और भ्रष्टाचारों की पोल खोल चुके हैं। 250-300 प्रेसवार्ता करके आपके काले कारनामों के सबूत देते रहे हैं। आपके हर भ्रष्टाचार, हर झूठ का खुलासा करते रहे हैं। यह वही दुर्गेश पाठक हैं, जिनकी महनत और ईमानदारी से आम आदमी पार्टी 5 सीटों पर चार सीटें जीती। जबकि भाजपा ने जीरों सीटों पर जीत हासिल की। आपने सर पर अंडे का ताज पहना।

मेयर साहब आपकी बहानेबाजी को हर कोई समझता है। सच्चाई यह है कि आप दुर्गेश जी के साथ बहस करने से डर गए इसलिए आपने ऐसा बहाना बनाया। आपको एमसीडी की सत्ता में लगभग एक साल हो गया है। जब आप सदन में कभी बहस कराने में सफल नहीं हुए तो आप दुर्गेश पाठक जी के साथ क्या ही बहस करते। आप भाजपा की कठपुतली से ज्यादा और कुछ भी नहीं है। उनके इशारों पर आप चुपचाप एजेंडा पास कर देते हैं और फिर भाग जाते हैं। इससे साफ है कि वह किस आधार पर बहस करते, जब उनके पास किसी भी प्रश्न का जवाब ही नहीं है। मेयर साहब ने सोचा, अपनी चुनौती में अपनी ही हार हो, इससे बढ़िया कोई भी अनाप-शनाप बहाना बताकर भाग लो। और आप जो कह रहे हैं कि आपको इसपर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ बहस करनी है। यह तो वही बात हो गई कि मैं कह रहा हूं कि मुझे नरेंद्र मोदी के साथ बहस करनी है। जाहिर है जो इस पार्टी में एमसीडी के मुख्य पद पर बैठा है, वही इस बहस का जवाब देगा। जब दुर्गेश पाठक जी एमसीडी प्रभारी हैं, तो वही इस बहस में हिस्सा लेंगे न कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी। मेयर साहब खुद ही हास्यपद बात कर रहे हैं और अपने साथ-साथ पूरी दिल्ली भाजपा की खिल्ली उड़ा रहे हैं। जो हाउस की बहस नहीं करा पाते हैं वह एमसीडी के मुद्दों पर क्या ही बहस करेगा।

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