#MCD खबर थोड़ा हट के : बेफजूल खर्चे पर लगाम और पर्यावरण से दोस्ती का ये अनोखा तरीका निकाला है निगम के उद्यान विभाग ने…सुनकर सभी है हैरान…

श्रावणी मिश्रा भूपति, बजाते रहो न्यूज़

निगम के सालाना 20 से 25 लाख के खर्चे को बचाने के अलावा पर्यावरण से कैसे दोस्ती बढ़ाई जाए उसके लिए यह अनोखा और नायाब तरीका निकाला है दिल्ली नगर निगम के उद्यान विभाग ने। इसके लिए एमसीडी उद्यान विभाग, पैकेट वाली दूध की इस्तेमाल हुई थैली को अपनी नर्सरी में पौधों को तैयार करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है ताकि पर्यावरण के साथ खर्चे भी कंट्रोल हो सके।

     

उद्यान विभाग के निदेशक राघवेंद्र कुमार सिंह ने बजाते रहो न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि ये प्रयोग उन्होंने आज से तकरीबन 2 महीने पहले शुरू किया ,तब निगम तीन टुकड़ों में बंटा था। उसवक्त वे पूर्वी दिल्ली नगर निगम के उद्यान विभाग के निदेशक के तौर पर कार्यरत थे। सिंह ने बताया कि इस प्रयोग से निगम को कई फायदे भी हुए।

                 

एक तो हर साल पौधों तैयार किये जाने के नाम पर जो थैली खरीदी जाती है उससे सालाना 20 से 25 लाख का खर्चा बैठता है,वो बचा करेगा। दूसरा हमारा पर्यावरण जो सिंगल यूज़ प्लास्टिक की वजह से दूषित हो रहा है उसमें भारी भी कमी आएगी। वैसे भी भारत सरकार ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन लगा दिया है।

     

सिंह ने बताया कि दूध की थैली अक्सर इस्तेमाल के बाद लोग कूड़े में फेंक देते है।जिससे पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान होता है। इस नुकसान को रोकने के लिए उन्होंने अपने विभाग के कर्मचारियों से ही शुरुवात की है। सिंह ने बताया कि विभाग में लगभग 5.5 हज़ार कर्मचारी है।जिन्हें कहा गया है कि वे अपने घर से दूध की इस्तेमाल थैली विभाग को दें। उसके एवज में विभाग उन्हें पौधे दिया करेगा। 100 थैली देने पे पांच पौधे मिलेंगे।

                 

सिंह ने बताया कि ये प्रयोग बीते 2 महीने से शुरू है जो सफल भी हो रहा है। अबतक ये प्रयोग केवल विभाग के कर्मचारियों के साथ ही किया जा रहा था, जिसे अब न केवल निगम के सभी विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए खोला जाएगा बल्कि दिल्ली की जनता को भी जोड़ा जाएगा ताकि निगम के खर्चे के साथ पर्यावरण को सिंगल यूज़ प्लास्टिक की मार से बचाया जा सके। 

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